सरस्वती विद्या मंदिर उ.मा. आवासीय विद्यालय

विद्यालय परिचय

सरस्वती विद्या मंदिर विद्या विहार भोपाल रोड पर स्थित विगत 35 वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में अपनी अलग ही पहचान बनाए हुए हैं।  इसकी स्थापना  सन 1988 में हुई थी प्रारंभ में विद्यालय कबेलू के भवन में प्रारंभ किया गया सर्वप्रथम प्रधानाचार्य श्री ऋषि पाल जी आर्य थे।  प्रारंभमे विद्यालय कक्षा छटी  से प्रारंभ किया गया था ।  सर्वप्रथम विद्यालय में 37 संख्या थीसंस्कार युक्त एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षण के प्रभाव से विद्यालय में प्रतिवर्ष संख्या वृद्धि होती गई वर्तमान में विद्यालय में पर्याप्त भवन एवं एक स्वतंत्र छात्रावास भैया बहनों की प्रार्थना हेतु एक स्वतंत्र सभागार एवं भैया बहनों हेतु पृथक पृथक शौचालय पेय जल हेतु वाटर कूलर पर्याप्त फर्नीचर वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने हेतु जीव विज्ञान भौतिक एवं रसायन की पृथक पृथक प्रयोगशालाएं तथा  तकनीकी शिक्षा हेतु विशाल कंप्यूटर लैब एवं बाउंड्री वॉल युक्त सर्व सुविधा युक्त नगर के कोलाहल से दूर प्रकृति के सुरभ्य वातावरण में विद्यालय संचालित है वर्तमान में विद्यालय कक्षा 12वीं तक संचालित है एवं विद्यालय में 350 भैया बहनों गुणवत्ता एवं संस्कार युक्त शिक्षण प्राप्त कर रहे हैं NEP2020 के अनुरूप मिडिल स्टेट एवं हायर स्टेज के अनुसार योग्य एवं अनुभवी आचार्य-दींदीओ द्वारा शिक्षण कार्य कराया जा रहा है भैया बहनों के सर्वांगीण विकास हेतु वॉलीबॉल कबड्डी खो खो कराते एवं फुटबॉल हेतु विशाल मैदान  तथाघोष संगीत इत्यादिके शिक्षक प्रतिदिन भैया बहनों को प्रत्येकविधाओं का प्रशिक्षण देते हैं भैया बहनों के शिक्षण में गुणवत्ता बढ़ाने हेतु प्रतिदिन नवीन प्रयोग स्पोकन इंग्लिशकी नियमित कक्षाएं स्मार्ट क्लास प्रोजेक्टर के माध्यम से तकनीकी शिक्षा प्रदान की जाती है भारतीय संस्कृति से जोड़ने हेतु संस्कृत ज्ञान परीक्षा कराई जाती है एवं वैदिक गणित का शिक्षणकराया जाता है प्रतिवर्ष श्रेष्ठ परीक्षा परिणाम प्राप्त करने हेतु अतिरिक्त शिक्षण की व्यवस्था की जाती है जिससे भैया बहन प्रदेश की मेरिट सूची में प्रतिवर्ष बोर्ड कक्षा में अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन करते हैं तथा विद्या भारती द्वारा आयोजित खेलकूद एवं बौद्धिक प्रतियोगिता में भैया बहन जिला प्रांत क्षेत्र अखिल भारतीय एवं SGFI तक विद्यालय का प्रतिनिधित्व करते हैं कौशल विकास हेतु  विद्यालय द्वारा इलेक्ट्रीशियन एवं ब्यूटीशियन का प्रशिक्षण भी दिया जाता है भारत कृषि प्रधान देश होने के नाते विद्यालय द्वाराकृषि कार्य को बढ़ावा देने हेतु जैविक कृषि हेतु प्रशिक्षण भी संचालित किए जाते हैं।